ईस्टमैन कलर
रंगीन फिल्मों पर जो ईस्टमैन कलर लिखा होता है, वह कोडक संस्थापक जॉर्ज ईस्टमैन के नाम से ही है। लेकिन अब सिनेमा में भी तेजी से डिजिटल युग आ रहा है। परंपरागत सैल्यूलाइड की रील पर अब भी कुछ लोग फिल्म शूट करते हैं, लेकिन इसका दौर खत्म हो रहा है। अब सिनेमाघरों में भी फिल्में डिजिटल टेक्नोलॉजी के जरिये दिखाई जाती हैं। जो ऐतिहासिक व महान फोटोग्राफ या फिल्में कोडक की रीलों पर उतारी गई हैं, वे भी अब हम डिजिटल रूप में ही देखते हैं। कोडक के उत्थान और पतन की कहानी यही बताती है कि इतिहास की घड़ी में एक शताब्दी भी ‘कोडक मोमेंट’ से ज्यादा नहीं होती।
फोटोग्राफी
यह कंपनी आज से 120 वर्ष पहले 1892 में जॉर्ज ईस्टमैन ने अमेरिका में शुरू की थी। तब तक फोटोग्राफी काफी महंगा व्यवसाय थी, शौक तो वह थी ही नहीं, क्योंकि शौकिया लोग भी महंगे कैमरे, फिल्म और बाकी उपकरण नहीं खरीद सकते थे। ईस्टमैन की व्यापारिक नीति यह थी कि सस्ते कैमरे बहुत कम मुनाफे पर बेचे जाएं और असली मुनाफा फोटोग्राफी रोल, डेवलप करने के कागज और रसायन बेचकर कमाया जाए। एक बार कोडक की गाड़ी चल निकली, तो लगभग एक शताब्दी तक उसका इस बाजार में एकाधिकार रहा।
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